Bihar Flood: पटना में गंगा का जलस्तर बढ़ने से खतरे की घंटी बजी, नालंदा में पेयजल संकट गहराया
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Bihar Flood: पटना में गंगा का जलस्तर बढ़ने से खतरे की घंटी बजी, नालंदा में पेयजल संकट गहराया

Bihar Flood: केंद्रीय जल आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि मुजफ्फरपुर जिले के रेवाघाट में गंडक नदी का जलस्तर 11 सेंटीमीटर बढ़ गया है. इसी प्रकार से घाघरा नदी का जलस्तर दरौली में खतरे के निशान के करीब पहुंच चुका है. गोपालगंज जिले के डुमरियाघाट में गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार करने वाला है. 

प्रतीकात्मक तस्वीर

Bihar Flood News: बिहार में प्रमुख नदियां उफान पर हैं. इससे कई जिलों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. राजधानी पटना में भी गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. गंगा अब खतरे के निशान से सिर्फ दो मीटर नीचे बह रही है. इससे पटना के सभी घाटों पर पानी बढ़ गया है. पटना के विभिन्न घाटों पर गंगा के जलस्तर भी काफी बढ़ गया है कई जगहों पर गंगा खतरे के निशान से 2 से 4 मीटर नीचे बह रही है. पटना के गांधी घाट पर गंगा का जलस्तर 47 मीटर है, जो खतरे के निशान से लगभग 2 मीटर नीचे है. पटना के दीघा घाट पर गंगा का जलस्तर 47.49 मीटर है और इसमें लगातर बढ़ोतरी हो रही है. वहीं नेपाल में हो रही मूसलाधार बारिश का असर बिहार के कई नदियों पर पड़ रहा है.

बिहार के कई जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. केंद्रीय जल आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि मुजफ्फरपुर जिले के रेवाघाट में गंडक नदी का जलस्तर 11 सेंटीमीटर बढ़ गया है. इसी प्रकार से घाघरा नदी का जलस्तर दरौली में खतरे के निशान के करीब पहुंच चुका है. गोपालगंज जिले के डुमरियाघाट में गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार करने वाला है. भागलपुर में गंगा और कोसी का जलस्तर बढ़ रहा है. गंगा व कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि का सिलसिला लगातार जारी है. 

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लखीसराय में भी गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि देखी जा रही है जिससे लोग डरे-सहमे हुए हैं. लोग ऊंची स्थान पर पलायन को मजबूर हैं. किसान एवं पशुपालक अब नाव पर आश्रित हो गए हैं. किसानों ने बताया कि गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है. जिससे खेतों में लगी सब्जी एवं मक्के की फसल डूबने लगा है. लोग नाव के सहारे उंचे स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हो गए हैं. कोसी के जलस्तर में लगातार उतार चढ़ाव हो रहा है, जिसके चलते सदर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत बसबिट्टी के समीप पूर्वी कोसी तटबंध के 64.95 स्पर के नोज पर कोसी नदी का दबाव बनने लगा है, हालांकि स्पर को किसी तरह की क्षति नहीं हो इसको लेकर विभाग द्वारा स्पर को सुरक्षित रखने के लगातार बचाव कार्य किए जा रहे हैं. विभागीय अभियंता के मौजूदगी में स्पर पर लगातार एसी बैग नायलॉन क्रेटिंग का कार्य चल रहा हैं. हालांकि मौके पर मौजूद अभियंता इस बाबत कुछ भी कैमरे पर बोलने से परहेज किया है. 

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उधर नालंदा में लोग पेयजल संकट से जूझ रहे हैं. दक्षिण-पूर्वी छोर पर बसे वार्ड नं. 50 और 51 के भट बीघा मोहल्ले में पिछले एक सप्ताह से पेयजल संकट गहराता जा रहा है. बारिश के बाद तीन दिनों से पड़ रही भीषण गर्मी ने मोहल्लेवासियों की परेशानी को और बढ़ा दिया है. स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि एक सप्ताह पहले बारिश के दौरान हुए वज्रपात के कारण मोहल्ले का ट्रांसफार्मर जल गया था. जिसके कारण पूरे मोहल्ले में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है. बिजली गुल होने से ट्यूबवेल पंप नहीं चल पा रहे हैं, जिसके कारण ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस समस्या से निपटने के लिए मोहल्लेवासियों ने मिलकर चंदा इकट्ठा कर जनरेटर का इंतजाम किया है. जनरेटर के सहारे ट्यूबवेल चलाकर लोग अपनी प्यास बुझा रहे हैं. 

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